केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का आह्वान किया कि वे अंतरराज्यीय सीमाओं पर नाकेबंदी में फंसे ट्रकों और लॉरियों को जल्द से जल्द निकलने की अनुमति प्रदान करें क्योंकि देश के विभिन्न हिस्सों में आवश्यक वस्तुओं की सुचारू आवाजाही बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस पर तत्काल ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सड़क परिवहन मंत्रियों के साथ बैठक को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री गडकरी ने इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने और स्थानीय व जिला प्रशासन के जरिये मसले का समाधान निकालने का अनुरोध किया। साथ ही उन्होंने ड्राइवरों और उनके सहायकों द्वारा शारीरिक दूरी, मास्क पहनने, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने जैसे दिशानिर्देशों का पालन करने पर भी जोर दिया। गडकरी ने कहा कि इन हेल्थ प्रोटोकॉल का पालन करते हुए कामगारों को भी कारखानों तक ले जाया जा सकता है। शारीरिक दूरी और स्वच्छता मानकों का पालन करते हुए कामगारों को भोजन और आश्रय उपलब्ध कराया जा सकता है।
केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि वह सड़क एवं राजमार्ग के बुनियादी ढांचे के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे थे और अब वह राष्ट्रीय राजमार्गो के निर्माण की गति अगले दो वर्षो में वर्तमान गति से दो-तीन गुना बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से भू-अधिग्रहण में तेजी लाने का अनुरोध किया क्योंकि देरी से विकास की गति प्रभावित होगी। इसके लिए उन्होंने अप्रयुक्त पड़ी बाकी धनराशि का इस्तेमाल करने को भी कहा।
त्वरित निर्णय लेने का आह्वान करते हुए गडकरी ने कहा कि यह भारत को आर्थिक सुपरपावर और पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए अहम है। लिहाजा मंत्रियों को निर्णय लेने की प्रक्रिया पर व्यक्तिगत रूप से निगाह रखनी चाहिए ताकि परियोजनाएं लालफीताशाही का शिकार न बनें। गडकरी ने मंत्रियों को सुझाव दिया कि वे खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में एप आधारित दोपहिया टैक्सियों के संचालन की संभावनाएं तलाशें क्योंकि इससे किसानों को आवाजाही में सहूलियत होगी, साथ ही रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।