बुलंदशहर में दो साधुओं की हत्या पर सियासत गर्मा गई। इस घटना को लेकर पहले तो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को फोन कर चिंता जताई। फिर शिवसेना के प्रवक्ता व राज्यसभा सदस्य संजय राऊत ने ट्वीट किया। इसके बाद यूपी के मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी इसका खुलकर जवाब दिया।
शिवसेना के प्रवक्ता संजय राऊत ने ट्वीट किया- भयानक! बुलंदशहर, यूपी के एक मंदिर में दो साधुओं की हत्या लेकिन, मैं सभी से अपील करता हूं कि वे इसे सांप्रदायिक न बनाएं, जिस तरह से कुछ लोगों ने पालघर मामले में करने की कोशिश की। इस पर यूपी मुख्यमंत्री कार्यालय के ट्विटर हैंडल से करारा पलटवार किया गया। ट्वीट में लिखा गया कि ‘संजय राऊत जी, संतों की बर्बर हत्या पर चिंता करना राजनीति लगती है? उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को फोन किया, क्योंकि पालघर के साधु निर्मोही अखाड़ा से संबंधित थे। सोचिए, राजनीति कौन कर रहा है?
यूपी सीएम कार्यालय की ओर से लिखा गया कि ‘सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उप्र में कानून का राज है। यहां कानून तोड़ने वालों से सख्ती से निपटा जाता है। बुलंदशहर की घटना में त्वरित कार्रवाई हुई और चंद घंटों के भीतर ही आरोपित को गिरफ्तार किया गया। महाराष्ट्र संभालें, यूपी की चिंता न करें।
Yogi Adityanath Office✔@myogioffice
श्री @rautsanjay61 जी, संतो की बर्बर हत्या पर चिंता करना राजनीति लगती है?
उ.प्र. के मुख्यमंत्री जी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री जी को फोन किया क्योंकि पालघर के साधु निर्मोही अखाड़ा से संबंधित थे।सोचिये, राजनीति कौन कर रहा है?
Yogi Adityanath Office
✔@myogioffice
CM श्री @myogiadityanath जी के नेतृत्व में उ.प्र. में काननू का राज है। यहाँ कानून तोड़ने वालों से सख्ती से निपटा जाता है।
बुलन्दशहर की घटना में त्वरित कार्रवाई हुई और चंद घंटों के भीतर ही आरोपी को गिरफ्तार किया गया।
महाराष्ट्र संभालें,यूपी की चिंता न करें।#योगी_हैं_तो_न्याय_है
यही नहीं, रात में यूपी सीएम कार्यालय की ओर से फिर ट्वीट किया गया कि ‘संजय राऊत जी, पालघर में हुई संतों की वीभत्स हत्या पर चिंता व्यक्त करने को राजनीति कहने वाली आपकी वैचारिक (कु) दृष्टि को क्या कहा जाए? कुसंस्कारों में रक्तस्नान करती आपकी टिप्पणी, आपके बदले हुए राजनीतिक संस्कारों की परिचायक है। निस्संदेह यही तुष्टिकरण का प्रवेश द्वार है।
Yogi Adityanath Office✔@myogioffice
श्री @rautsanjay61 जी,पालघर में हुई संतों की वीभत्स हत्या पर चिंता व्यक्त करने को राजनीति कहने वाली आपकी वैचारिक (कु)दृष्टि को क्या कहा जाए? कुसंस्कारों में ‘रक्त स्नान’ करती आपकी टिप्पणी,आपके बदले हुए राजनीतिक संस्कारों की परिचायक है। निःसंदेह यही तुष्टिकरण का प्रवेश द्वार है।