निर्देशक राजन चंदेल ने फिल्म ‘बमफाड़’ से डिजिटल डेब्यू किया है। इसमें उन्होंने पुराने इलाहाबाद (स्थानीय लोगों की भाषा में) को दिखाने की कोशिश की है। फिल्म में परेश रावल के बेटे आदित्य रावल ने डिजिटल डेब्यू किया है। वहीं, साउथ फिल्म ‘अर्जुन रेड्डी’ की एक्ट्रेस शालिनी पांडे भी नजर आ रही हैं। आदित्य और शालिनी के बीच का रोमांस फीका पड़ता नजर आया। वहीं, कहानी ऐसी जिसे आप आसानी से प्रीडिक्ट कर सकते हैं।
कहानीः नाटे उर्फ नासिर जमाल (आदित्य रावल) काफी गुस्सैल किस्म के व्यक्ति होते हैं। स्कूल में आतंक मचाने वाले। थोड़े अल्हड़ और थोड़े खुशमिजाज होते हैं। नाटे, एक पॉलिटीशियन (शाहिद जमाल) के बेटे होते हैं, जिन्हें नीलम (शालिनी पांडे) को एक नजर में देखते ही प्यार हो जाता है। नीलम अपने आप में एक ‘बमफाड़’ लड़की होती है। लेकिन, उसका पास्ट एक लोकल गुंड़े जिगर फरीदी (विजय वर्मा) से जुड़ा होता है। इनका बोलबाला हर तरफ होता है। लोग जिगर से डरते हैं। खौफ खाते हैं।
नीलम कौन है, कहां से आई है और इलाहाबाद में यूं अकेली क्यों रहती है, नाटे नहीं जनते। वह अपने सच को नासिर से छुपाती हैं और जब उनका भेद खुलता है तो शुरू होती है एक ऐसी कहानी, जिसे दर्शकों को अपने साथ बांधकर रखना था लेकिन अफसोस ऐसा हुआ नहीं।
फिल्म के निर्देशक राजन और हंजलाह शाहिद, नासिर और नीलम के रोमांस को दर्शाने में स्ट्रगल करते नजर आते हैं। कई जगह बिना वजह के दर्शकों को भटकाने की कोशिश की गई है। आदित्य रावल को पहली बार लीड रोल में देखा गया है और कहना सही होगा कि उनमें एक्टिंग की काबिलियत है। लेकिन इस फिल्म में उनका टैलेंट कुछ खास उभरकर सामने नहीं आया। नासिर के किरदार के साथ उन्होंने न्याय करने की कोशिश बहुत की, लेकिन फिर भी उसमें कुछ कमी रह गई।
वहीं, जतिन सरना और विजय वर्मा की एक्टिंग काबिले-तारीफ दिखाई दी। दोनों ने अपने किरदार बखूबी निभाए और दर्शकों को इंप्रेस भी किया।