Home प्रदेश किराएदार दिनभर घुसे रहते थे कमरे में, पीछा करते-करते पहुंची पुलिस, नजारा देख रह गई सन्न

किराएदार दिनभर घुसे रहते थे कमरे में, पीछा करते-करते पहुंची पुलिस, नजारा देख रह गई सन्न

किराएदार दिनभर घुसे रहते थे कमरे में, पीछा करते-करते पहुंची पुलिस, नजारा देख रह गई सन्न

Jaipur Latest News: जयपुर के मालपुरा गेट थाना क्षेत्र मेट में हॉस्टल में 5 युवक किराए पर रहते थे. युवक दिनभर ज्यादातर समय कमरे के ही अंदर ही रहते थे और फोन पर बातें करते थे. पुलिस पीछा करते-करते आरोपियों तक पहुंची. छापेमारी के दौरान कमरे का नजारा हर कोई देखकर सन्न रह गया

.जयपुर. जयपुर की सोडाला थाना पुलिस ने बुधवार को बनारस गैंग के 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया. 5 आरोपी उत्तर प्रदेश में बरेली से ताल्लुक रखते हैं. एक आरोपी जयपुर का रहने वाला है. गैंग के सदस्य फर्जी दस्तावेजों और फर्जी फर्मों के नाम से बैंकों में खाते खुलवाकर ठगी करते थे. आरोपी जयपुर के मालपुरा गेट थाना क्षेत्र मेट में हॉस्टल में किराए पर रहते थे. पुलिस ने आरोपियों के कमरे की जब तलाशी ली तो कई बैंक के एटीएम कार्ड, क्रेडिट कार्ड, बैंक में खाता खुलवाने के फॉर्म, मुहर, चेक बुक और नकली सोने के सिक्के बरामद हुए.

डीसीपी साउथ दिगंत आनंद ने बताय कि आरोपी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पहले रजिस्ट्रेशन करवाते थे. फिर बैंक में करंट खाते खुलवाते थे ताकि लेनदेन में आसानी हो. फिर इन खातों को गेमिंग व फ्रॉड करने वाले बड़े ठगों को महंगे दामों में बेच देते थे. एक खाते के 70 हजार रुपये रकम वसूलते थे.

ऐसे हुआ था बनारस गैंग का खुलासा

कांस्टेबल गणेशराम को सूचना मिली थी कि सोडाला में ई-मित्र संचालक विनोद कुमार शर्मा आधार कार्ड में एड्रेस का अपडेशन बिना किसी सत्यापन के आधार पर कर रहा है. पुलिस ने विनोद से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने यूपी गैंग के बारे में जानकारी दी. यूपी गैंग ने ही सबसे पहले विनोद से फर्जी आधार बनवाया था. पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ाया और शहर के कई बैंकों में 9 फर्जी खाते खुलवाने का पता चला. पुलिस ने इन खातों को सीज कर दिया. अब पुलिस इन खातों में हुए ट्रांजेक्शन का ब्योरा जुटा रही है

.पुलिस कड़ियों को जोड़ते हुए आरोपी सर्वेश कुमार तिवाड़ी और सचिन कुमार पाल उर्फ रवि तक पहुंची. ई-मित्र संचालक विनोद कुमार शर्मा की इनसे जान-पहचान थी. दोनों यूपी से अपने परिचितों को बुलाकर उनसे आधार कार्ड में ई-मित्र संचालक से फर्जी एड्रेस अपडेट करवाते थे. फिर बैंक में फर्म के नाम से फर्जी करेंट खाते खुलवाते थे. बाद में इन खातों को बनारस निवासी गोपाल पांडेय और आतिश को 70 हजार रुपये में बेच देते थे. आरोपी अमित तोमर और दीपक पटेल भी बरेली के रहने वाले हैं. दोनों को एक करंट बैंक खाता खुलवाने पर 10 हजार रुपये मिलते थे.