
हर खबर पर नजर
Beawar-Bharatpur Expressway: राजस्थान में बनेगा 342 किमी लंबा एक्सप्रेसवे, 3175 हैक्टेयर जमीन होगी अधिग्रहण
Rajasthan Green Field Expressway : राजस्थान की भजनलाल सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में नई इबारत लिखने की तैयारी कर रही है। राजस्थान को लोक में ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे का प्लान। प्रदेश की भजन लाल सरकार ने 9 ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे का ऐलान किया है.
Beawar-Bharatpur Expressway: राजस्थान में बनेगा 342 किमी लंबा एक्सप्रेसवे, 3175 हैक्टेयर जमीन होगी अधिग्रहण
Beawar-Bharatpur Green Field Expressway : राजस्थान की भजन लाल सरकार ने अपने बजट में प्रदेश के लिए कई बड़ी विकास योजनाओं की घोषणा की है। राजस्थान में 9 ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे (Greenfield Expressway) का निर्माण किया जाएगा. इसी कड़ी में भजनलाल सरकार ने ब्रज भूमि भरतपुर और तिल पापड़ी के लिए मशहूर शहर ब्याबर को बहुत बड़ी सौगात दी है। इन दोनों शहरों को कनेक्ट करने के लिए प्र
इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 342 किलोमीटर होगी। ब्यावर से NH-58 से शुरू होकर यह भरतपुर में NH-21 तक 342 किलोमीटर लंबा होगा। अभी इन दो शहरों के बीच की दूरी हाईवे से 370 किलोमीटर है. मौजूदा समय में सफर करने में 6.6 घंटे का समय लगता है. इस एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद यह दूरी 3.5 घंटे में पूरी की जा सकेगी। ब्यावर भरतपुर एक्सप्रेसवे के निर्माण में 14010 करोड रुपए की लागत राशि आने की संभावना है. इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 3175 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाए
औद्योगिक और धार्मिक महत्व के शहरों का आपस में सीधा जुड़ाव
aभजनलाल सरकार ने अपने पहले पूर्ण बजट में 9 ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे (Greenfield Expressway) का प्रस्ताव किया है। फिर भी, इनमें से किसी ने अभी तक कोई ले-आउट योजना या रास्ता नहीं बताया है। लेकिन जब ये ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे बन जाएंगे, तो वे राजस्थान में विकास की एक नई इबारत लिखेंगे। एक्सप्रेसवे औद्योगिक और धार्मिक महत्व के शहरों को एक दूसरे से सीधे जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। सभी नौ ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के कागज से धरातल पर उतरने पर विकास की नई राहें खुलेंगी।
तिल पापड़ी उद्योग को बूस्ट अप मिलेगा
चौरासी कोसीय परिक्रमा का कुछ हिस्सा डीग, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर स्थित भरतपुर जिले में आता है। चौरासी कौसीय परिक्रमा का अधिकांश भाग उत्तर प्रदेश में होता है। सालाना हजारों लोग राज्य के हर कोने से इस परिक्रमा में भाग लेते हैं। भरतपुर-ब्यावर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे बनने से मध्य राजस्थान के लोगों को सीधे वहां पहुंचने में काफी सुविधा होगी। वहीं ब्यावर के प्रसिद्ध तिल पापड़ी उद्योग को भी फायदा होगा।
जिले को मिली बड़ी सौगात
ब्यावर भी राजस्थान के उन शहरों में है जो लगभग आठ महीने पहले गहलोत राज में जिला बनाए गए थे। अब जिला बनते ही ब्यावर को ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे मिल गया है। यह उसे बहुत खुश करता है। वहीं, राज्यपाल भजनलाल भरतपुर से आते हैं। बतौर सीएम, उन्होंने अपने जिले को एक बड़ी सौगात दी है। फिलहाल, भरतपुर और ब्यावर जिले में बहुत कम कनेक्टिविटी है। लेकिन यह एक्सप्रेस वे इसे बढ़ा सकता
औद्योगिक और धार्मिक महत्व के शहरों का आपस में सीधा जुड़ाव
भजनलाल सरकार ने अपने पहले पूर्ण बजट में 9 ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे (Greenfield Expressway) का प्रस्ताव किया है। फिर भी, इनमें से किसी ने अभी तक कोई ले-आउट योजना या रास्ता नहीं बताया है। लेकिन जब ये ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे बन जाएंगे, तो वे राजस्थान में विकास की एक नई इबारत लिखेंगे। एक्सप्रेसवे औद्योगिक और धार्मिक महत्व के शहरों को एक दूसरे से सीधे जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। सभी नौ ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के कागज से धरातल पर उतरने पर विकास की नई राहें खुलेंगी।
तिल पापड़ी उद्योग को बूस्ट अप मिलेगा
चौरासी कोसीय परिक्रमा का कुछ हिस्सा डीग, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर स्थित भरतपुर जिले में आता है। चौरासी कौसीय परिक्रमा का अधिकांश भाग उत्तर प्रदेश में होता है। सालाना हजारों लोग राज्य के हर कोने से इस परिक्रमा में भाग लेते हैं। भरतपुर-ब्यावर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे बनने से मध्य राजस्थान के लोगों को सीधे वहां पहुंचने में काफी सुविधा होगी। वहीं ब्यावर के प्रसिद्ध तिल पापड़ी उद्योग को भी फायदा होगा।
जिले को मिली बड़ी सौगात
ब्यावर भी राजस्थान के उन शहरों में है जो लगभग आठ महीने पहले गहलोत राज में जिला बनाए गए थे। अब जिला बनते ही ब्यावर को ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे मिल गया है। यह उसे बहुत खुश करता है। वहीं, राज्यपाल भजनलाल भरतपुर से आते हैं। बतौर सीएम, उन्होंने अपने जिले को एक बड़ी सौगात दी है। फिलहाल, भरतपुर और ब्यावर जिले में बहुत कम कनेक्टिविटी है। लेकिन यह एक्सप्रेस वे इसे बढ़ा सकता है.